थार के रेगिस्तान में करीब 400 टैंक के साथ युद्धाभ्यास कर रहे हजारों सैनिक

थार का रेगिस्तान एक बार फिर भारतीय सेना के पराक्रम का साक्षी बन रहा है। बीकानेर जिले के महाजन फायरिंग रेंज में सेना की स्ट्राइक कोर नंबर 2 के हजारों सैनिक सर्द मौसम में युद्धाभ्यास खड़गशक्ति में अपना रणकौशल आजमा रहे हैं। यह युद्धाभ्यास करीब एक माह से चल रहा है।



सैन्य सूत्रों ने बताया कि अम्बाला स्थित मुख्यालय वाली इस स्ट्राइक कोर ने युद्धाभ्यास में पूरी ताकत का प्रदर्शन किया। सैनिकों के साथ ही टैंक व तोप के गोलों ने बर्फ के समान ठंडे रेगिस्तान में गरमी पैदा कर दी। सैनिक सर्दी से बेपरवाह हो दिन-रात अपना कौशल दर्शा रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में 400 से अधिक टैंक के अलावा सेना ने अपने पास उपलब्ध सभी तरह की तोपों को रणक्षेत्र में उतारा है। इस युद्धाभ्यास में मुख्य रूप से इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप क्षमता को परखा जा रहा है। 



युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य
युद्धाभ्यास में सेना ने अपना मुख्य फोकस इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप पर कर रखा है। करीब 10 हजार सैनिकों के एक समूह में टैंक, तोप, बख्तरबंद वाहनों के साथ ही सभी तरह के अत्यधुनिक हथियारों के अलावा लड़ाकू हेलिकॉप्टर भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं। भारतीय सेना कोल्ड स्ट्राक डॉक्ट्रेन (युद्ध नीति) में अब इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप के डॉक्ट्रेन को शामिल किया है। इसमें सेना के ये इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप बहुत ही कम समय में दुश्मन की मांद में घुसकर जबरदस्त हमला बोलते हुए एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लेते है।


दो साल से इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप को सेना ने रणनीति में शामिल किया


भारतीय सेना ने दो बरस से इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप को अपनी मुख्य रणनीति में शामिल किया है। इससे पहले कोल्ड स्ट्राक डॉक्ट्रेन में सेना की डिफेंसिव कोर को आक्रामक कोर में तब्दील किया गया। ताकि वे स्ट्राइक कोर के सीमा पर पहुंचने से पहले हमला बोल दुश्मन को चौंका दे। अब नई रणनीति के तहत दुश्मन के क्षेत्र में इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप हमला बोलेंगे और डिफेंसिव कोर पीछे से उसका पूरा साथ देगी। 



पाकिस्तान को देते हैं सूचना
सीमा के निकट युद्धाभ्यास करने से पहले नियमानुसार भारत-पाकिस्तान एक-दूसरे को इसकी सूचना देते हैं, ताकि युद्धाभ्यास को लेकर दोनों देशों के बीच किसी तरह की गलतफहमी न हो। महाजन फायरिंग रेंज भी सीमा से काफी निकट है। 


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